ब्रह्मचर्य के हेरान कर देने वाले फायदे || brahmachary ke fayde health ke liye
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स्वामी दयानंद सरस्वती जी, जिन्होंने ब्रह्मचर्य के प्रयोग के बल पर अपने शरीर को इतना बलशाली बना रखा था कि उस समय में शायद ही कोई होगा जो उनके जितना बल शाली हो, शक्तिशाली हो। उस समय में क्या? आज भी इतना शक्तिशाली कोई नहीं होगा? लेकिन उन्होंने अपनी शक्ति ति को वेद के प्रचार में लगाया। एक बार स्वामी जी को किसी ने बोला कि आप ब्रह्मचारी हो, आपने इतनी तपस्या कर रखी है, और मैं हूँ घर गृहस्थी संभालने वाला आदमी। तो मुझे आपमें और मुझमें कोई ज्यादा अंतर नहीं लगता। तो स्वामी जी मुस्कराए और कुछ नहीं बोले। तो आदमी जैसे ही अपने घर जाने लगा, अपने बैलों को बांधकर, दोनों बैलों को जोड़कर, तो उसके दोनों बैल एकदम रुक गए। पूरी बैलगाड़ी रुक गई। वह आगे जा ही नहीं पा रही थी। उसने कोशिश की बहुत, लेकिन बैल आगे जा ही नहीं पा रहे थे। दो बैलों में सोचो कितनी ताकत होती है। और जब उसने पीछे देखा, तो देखा स्वामी जी ने एक हाथ से पूरी बैलगाड़ी को रोक रखा था। और वो इंसान चौंक गया यह सब देखकर स्वामी जी के चरणों में पड गया।
हमारे क्रांतिकारियों ने भी यही नियम अपनाएं।
इसके अलावा और भी बहुत सारे किस्से हैं स्वामी जी ने तगड़े तगड़े सांसदों को भी अपने फल से बिछा रखा है। और यहां तक कि मृत्यु तक को जीत लिया था उन्होंने। जी हां, तो इतने शक्तिशाली थे स्वामी दयानंद सरस्वती जी। वो सबसे इंटरेस्टिंग चीज जो मुझे पता लगी स्वामी जी के नियम पर चलने वाले हमेशा, शरीर से भी, बुद्धि से भी। आप जानते हो, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, यह सब स्वामी दयानंद जी से प्रभावित थे और उनके नियमों पर ही चले। और इन सबने इन सबसे खौफ खाते थे अंग्रेज रामप्रसाद बिस्मिल एक सी खबर लगा देते थे, अंग्रेजों की टांगें कांप जाती थी। चंद्रशेखर आजाद जी की गोली के निशाने से संपत्ति थी। भगत सिंह जी से सब अंग्रेज डरते थे। तो इसलिए आज मैं आपको कुछ ऐसे नियम बताने वाला हूँ जो कि स्वामी जी ने लिखे है। हमारे देश के क्रांतिकारियों ने भी इन नियमों के बारे में लिखा है। और यह नियम अगर आपने अनुशासन के साथ अपना लिए, तो आप भीड़ से अलग हो जाएगा। बिल्कुल अलग हो जाओगे भीड़ से। आपकी बुद्धि में, शरीर में अत्यंत बल की वृद्धि होगी, शक्ति मिलेगी। आपको भरपूर ऊर्जा रहेगी शरीर में हर वक्त, और जोश रहेगा पूरा। और मैं चाहता हूं सब युवाओ तक चाय ताकि सबकी जवानी बच सके। स्वामी जी पहला नियम बताते हैं, शरीर में सबसे ज्यादा अत्यंत बल बड़ता है परिणाम। ब्रह्मचारी पुस्तक में भी शरीर में बल बढ़ाने की क्रिया जो बताई गई, वह परिणाम बताई गई प्राचीन परिणाम, जिन परिणाम को करने से व्यक्ति के शरीर में अपार बल आ जाता है। जी हां, वह परिणाम, जिन परिणाम को करने के बाद पहलवान और ब्रह्मचारी छाती पर बडे बडे पत्थर को रखवाकर तुड़वा देते थे। दवा देते हैं। आज भी प्रणाम हमारी बल बढाने वाली नारियों पर काम करता है। इसलिए आप मैं आपको चार तरह के ऐसे परिणाम बताने वाला हूँ जोकि स्वामी जी भी करते थे, हमारे देश के शक्तिशाली क्रांतिकारी करते थे, और ऋषि मुनियों ने भी इन परिणाम को करने के लिए बोला है। और यह परिणाम शरीर में बल बढ़ाते हैं। सबसे ज्यादा परिणाम को करने का समय सुबह राममूर्ति अभी शाम को वर्कआउट। अगर आप करते हो तो वर्कआउट के बाद कर सकते हो। तो चलो प्रेरणा विद्यालय शुरू करते हैं। सबसे पहला है परिणाम प्राणायाम में श्वास को जो हमने अंतर श्वास रखी है, उस श्वास को बाहर छोड़ देंगे, और तब तक श्वास नहीं लेंगे जब तक हमें घबराहट न हो। मतलब कि सिंपल से, समझो, अपनी सांसों को बाहर छोड़ देना है और रोग सांस नहीं लेने जैसे देखो, पहले मैं सांस भरूंगा, राइट? और आप सांस छोड़ दूंगा, और यही रोक लूंगा। और तब तक रोककर जब तक घबराहट होने लग जाए। इसको बोलते हैं बाएं परिणाम। आशा करता हूं समझ गए होंगे। दूसरा परिणाम है अभी अंतर परिणाम। सबसे पहले, छाती को सांसों से भर ले गया और फिर सांस इकट्ठा करके यहीं पर रोक लेंगे। और अभियंत्रण परिणाम में, गुदा मार्ग और मूत्र को ऊपर की ओर खींचना होता है। ऐसा करने से शरीर में वीर्य या ऊपर की ओर चढ़ता है। शीघ्रपतन, स्वपनदोष, यह सब समस्याएं खत्म होती है, और आपका वजन पावरफुल बनता है, जिससे शरीर में अपार बल आता है। तीसरा परिणाम है स्तम्भ वृत्ति परिणाम। इस परिणाम में क्या होता है? सांस आ रही है, जा रही है। बस सांस को एक जगह कहीं भी रोक दें, अंदर या फिर बाहर, जैसे कि मैं अंदर की ओर रोक लेता हूं। इस तरह जितनी देर तक हो सके सांस भरो। इस तरह जितनी देर तक हो सके उतनी देर तक रोक कर रखो। इसको कुम्भक भी बोला जाता है। चौथा परिणाम, अभ्यंतर अक्षय परिणाम। इसमें क्या होता है? जैसे कि मैंने सांस अंदर की ओर खींच लिया। अब इसमें क्या होता है? जैसे कि मैंने सांस अंदर रोक रखी है। तो मुझे घबराहट होनी शुरू होगी। ठीक है, सांसो को अंदर रोककर प्रणाम कर रहा हूं मैं। तो जैसे ही मुझे घबराहट होनी शुरू होगी, सांस छोड़ने का मन करेगा। तो सांस छोड़नी नहीं है, समझ रहे हो? सांस बाहर नहीं छोड़ते, बल्कि ओर अंदर लेने की कोशिश करनी है। इस परिणाम में बहुत ज्यादा बल लगता है। लेकिन जैसे ही आपका स्टैमिना बनता चला जाएगा, तो परिणाम आपके भेदों को इतना शक्तिशाली बना देगा कि आप थकना भूल जाओगे। शरीर शक्तिशाली हमेशा अंदर से होता है, बाहर से नहीं होता। तो परिणाम अंदर से एक मजबूत कर लेता है। इतना शक्तिशाली, इतनी शक्ति होती है परिणाम क्रिया की तो यह वो चार परिणाम जोकि इंसान शरीर को शक्तिशाली बना देते हैं अगर लगातार कोई इनको लगाता है। ऋषि मुनियों ने इन्हीं चार परिणामों के बारे में बताया है, इन्हीं को करने को बोला गया है। इसके अलावा और कोई परिणाम नहीं है। से कम परिणाम को तीन बार किया जाना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा इक्कीस बार। पासपोर्ट। जो इंसान मास्टरबेट करेगा, गंधक खायेगा, नॉनवेज खायेगा, उसपर यह परिणाम कोई फायदा नहीं करेंगे। उल्टा नुकसान कर देंगे। पहले ही बता रहा हूँ, स्वामी जी के अनुसार बाल बढ़ाने का तरीका है, वो है व्यायाम। दर्द बैठक। देखो, आप जिम करो, जो भी आप करते हो, रैली वगैरह करो, लेकिन दर्द बैठक जरूर लगाओ। और दूसरा नियम कोई भी दंड बैठक लगाते हो, दर्द हो गया। पूसा, कोई भी एक्सरसाइज करते हुए जिनमें कोई भी एक्सरसाइज आप लगा रहे हो, तो वो चुंबक के साथ लगाओ। अगर कुम्भक के साथ आप एक्सरसाइज नहीं लगाते, तो जब आपकी उम्र ज्यादा होती चली जाएगी, तीस, चालीस साल के बाद आपके घुटने दर्द आपके मतलब मसल्स में दर्द होना शुरू हो जाएगा। बहुत सारे नुकसान होते हैं। जैसे कि बोलते हैं न कि पहलवानों की बुढ़ापे में जाकर हड्डी दुःख दिया। तो वो चीज क्यों होती है? कुम्भक के साथ व्यायाम न करने के कारण। ब्रह्मचारी कभी नहीं होता ऐसा। तो चुंबक क्या है? गुंबद मतलब जैसे कि आप पुशअप लगा रहे हो। तो आपको क्या करना है? पहले सांस भर लेनी है। और फिर छाती में सांस इकट्ठी करके जितने पुष्पा लगा सकते हो उतने लगाओ। और फिर जब सूख जाए तो रुक जाओ और दोबारा सांस भरकर पुशअप लगाओ। इसको बोलते हैं कुंभक। इससे क्या होता है? फायदा भी होता है। तो स्टैमिना बहुत जल्दी बनता है। इसे और कुंभ के साथ व्यायाम करने से शरीर में मसल्स में ऑक्सीजन जाती है, जिससे मसल्स ग्रोथ होती है। सातवें ताकतवर भी बनती है। स्टैमिना बनता है मसल्स का स्वामी जी के अनुसार अगला तरीका बल बढ़ाने का है वह है परम चाह रहे हैं। देखो, भ्रम में चार चीजें मुख्य हैं। अश्लील मत देखो। उत्तर के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करो। सुबह जल्दी उठो और शाकाहारी, साफ सुथरा, सात्विक भोजन करो। बस एक तरह से। अगर आप मतलब घर में रहते हो, घर गृहस्थी वाले हो, ठीक है, और मतलब गुरुकुल ले जा सकते तो घर पर ब्रह्मचारी यही है जो मैंने बताया। इन नियमों के साथ, अगर आप चलते हो, तो आपके लिए यही भ्रम चाह रहे हैं कि आप बोल सकते हो। बाकी, देखो, एक चीज हमेशा ध्यान रखें। जब जब पीड़ा का नाश होगा, बजट, दुगना शोभा तब तक ताकत खत्म होगी आपकी। यह समझ लो, उर्वरक धातु में नाश करने वाले जो भी कारण है, उनको बिताओ। अशी सोचना, गलत सोचना, जो भी है। ठीक है। उसके बाद, स्वामी जी के अनुसार अगली जो चीज है वो है अपनी ऊर्जा को बचाओ। ऊर्जा को बचाने के लिए सबसे जरूरी चीज है ध्यान। ध्यान जरूर करो। सोने से पहले भी करो। सुबह उठकर भी करो। जिस इंसान का दिमाग शांत होता है, उसकी ऊर्जा बचती है। और उसकी ऊर्जा और बढ़िया मतलब शरीर के निर्माण में लगती है। अब आपके दिमाग में गडबड चल रहा है, तो ऊर्जा फालतू की हो रही है। शरीर का विकास कहाँ से होगा? खुद सोच कर देखो। बस यही नियम है। और ध्यान करो, बढ़िया दूध खाओ, देसी आहार जितने वीरा वर्धक आहार खाओ। सबसे बढ़िया नुस्खा बता रहा हूँ, बल बढ़ाना है। वर्धक आहार खाओ, जैसे कि अंजीर, मुनक्का, चना, देसी घी, देसी गाय का देसी घी जितना हो सके खाओ। वीर्यवर्धक आहार सर्च करो मेरा वर्धक आहार गूगल पर। वो खाओ, अपनी मेड करो, और फिर देखो। बस अगर आपने अपना लिए तो भाई, अपने आप कपडे मोहल्ले के सबसे ताकतवर बन जाओगे। आप मजाक से हटकर, अगर मैं बताऊं तो भाई, सबसे ज्यादा ताकत बढेगी, सबसे ज्यादा बार बढेगा। हमारे क्रांतिकारियों ने भी यही नियम अपनाएं। बस मुझे कमेंट करें। धन्यवाद।
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